पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
Chalisa is usually a forty-verse prayer devoted to a certain Hindu God or Goddess. The verses of a Chalisa glorify the acts and deeds from the deities. It includes verses praying on the Lord for ending sorrow inside our lives and provides peace, wellness, and prosperity.
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब Shiv chaisa मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
लिङ्गाष्टकम्